HIMACHAL PRADESH GOVT. SCHEMES

 

    HIMACHAL PRADESH GOVT. SCHEMES

           हिमाचल प्रदेश में कार्यान्वित की जा रही प्रमुख योजनाएं



पेंशन योजना 

वर्तमान हिमाचल सरकार ने कार्यभार संभालते ही वृद्धा पेंशन की आयु सीमा 80 वर्ष से घटाकर 70 वर्ष की। पेंशन की दरों में बढ़ोतरी 750 से बढ़ाकर 1500 रुपये प्रतिमाह की गई। वर्तमान में तीन लाख नब्बे हजार से अधिक लाभार्थिओं को प्रतिमाह पंद्रह सौ रूपये की पेंशन की सुविधा दी जा रही है। इसके अतिरिक्त एक लाख बीस हजार नौ सौ ग्यारह से अधिक विधवा पेंशनर्ज, चैंसठ हजार एक सौ पैंतालीस से अधिक दिव्यांग पेंशनर्ज, एक हजार चार सौ बयासी से अधिक कुष्ठरोगी पेंशनर्ज और एक सौ पचास ट्रांसजेंडर पेंशनर्ज को पेंशन योजना से लाभान्वित किया जा रहा है। वर्तमान राज्य सरकार ने पेंशन योजना के बजट को 436 करोड़ से बढ़ाकर 862 करोड़ रुपये किया है। 



प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना

केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत प्रदेश सरकार ने राज्य में प्रभावी कार्य किए हैं। योजना के तहत रियायती एलपीजी गैस कनेक्शन उपलब्ध करवाए जा रहे हैं। हिमाचल में इस योजना के अंतर्गत अब तक एक लाख छत्तीस हजार से अधिक गैस कनेक्शन वितरित किए जा चुके हैं। योजना में इक्कीस करोड़ छिहत्तर लाख व्यय किए गए हैं।


मुख्यमंत्री गृहिणी सुविधा योजना

इस योजना के अंतर्गत केंद्र की उज्ज्वला योजना से वंचित रहे प्रदेश के परिवारों को एलपीजी गैस कनैक्शन वितरित किए गए। योजना को शुरू करने से प्रदेश में लगभग सभी परिवारों के पास अब गैस कनेक्शन हैं। इसके परिणामस्वरूप हिमाचल देश का पहला धुआंमुक्त राज्य बना है। यह घोषणा माननीय गृह मंत्री श्री अमित शाह जी ने प्रदेश सरकार के 2 वर्ष का कार्यकाल पूर्ण होने के उपलक्ष्य पर की थी। गत तीन वर्ष के दौरान गृहिणी सुविधा योजना के तहत राज्य में दो लाख नब्बे हजार से अधिक गैस कनेक्शन वितरित किए गए हैं। इसके लिए एक सौ एक करोड़ रुपये  से अधिक व्यय किए गए हैं।


आयुष्मान भारत योजना

केंद्र सरकार द्वारा देश के नागरिकों को अच्छे स्वास्थ्य सेवाएं एवं स्वास्थ्य बीमा उपलब्ध करवाने की दृष्टि से आयुष्मान भारत योजना शुरू की गई। इसके कार्यन्वन में राज्य सरकार ने प्रदेश में जमीनी स्तर पर प्राथमिकता से कार्य किया। इस योजना के अंतर्गत राज्य में लाभार्थी परिवार को पांच लाख रुपए तक का स्वास्थ्य बीमा उपलब्ध करवाया जा रहा है। हिमाचल सरकार ने इस योजना के तहत  अब तक तीस लाख तीन हजार से अधिक परिवारों को पंजीकृत किया है तथा छिहत्तर हजार आठ सौ पांच से अधिक मरीजों का उपचार किया जा चुका है। इस पर उनासी करोड़ नब्बे लाख से अधिक की राशि व्यय की गई है।


हिम केयर योजना 

आयुष्मान भारत से शेष बचे परिवारों को पांच लाख रुपये तक की स्वास्थ्य सुरक्षा सुविधा प्रदान करने के लिए राज्य में हिमकेयर योजना आरंभ की गयी है। इस योजना के अंतर्गत अब तक चार लाख इकसठ हजार से अधिक को पंजीकृत किया जा चुका है और एक लाख पच्चीस हजार से अधिक मरीजों को लाभ दिया जा चुका है जिस पर एक सौ इक्कीस करोड़ रुपये से अधिक खर्च हुए हैं।

 

सहारा योजना 

गंभीर बीमारियों जैसे की Parkinson’s,  Cancer,  Paralysis,  Muscular Dystrophy, Haemophilia, Thalassemia,  Renal failure इत्यादि से ग्रस्त व्यक्तियों को स्वास्थ्य सेवाओं के अतिरिक्त निरंतर लाभ की आवश्यकताओं को पूर्ण करने हेतु वित्तीय वर्ष 2020-21 से सहारा योजना आरंभ की गई है।  इस योजना के अंतर्गत उपरोक्त बीमारियों से ग्रसित लोगों को तीन हजार रुपये प्रति माह का वित्तीय लाभ दिया जाता है। सहारा योजना के अंतर्गत अभी तक ग्यारह हजार तिरानबे से अधिक नागरिक लाभान्वित हो चुके हैं, जिस पर बारह करोड़ नब्बे लाख रुपये से अधिक की राशि व्यय की गई है।

 


मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना 

वर्तमान हिमाचल सरकार ने प्रदेश के नागरिकों को स्वरोजगार से जोड़ने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना शुरू की है। योजना के अंतर्गत स्थानीय उद्यम को बढ़ावा देने के लिए व युवाओं को स्वरोजगार के साधन उपलबद्ध करवाने के लिए 18-45 वर्ष आयु वर्ग के युवाओं को अनेक सुविधाएं दी जा रही है। इसमें मुख्यतः संयत्र मशीनरी के निवेश हेतु साठ लाख के निवेश पर युवकों को पच्चीस प्रतिशत, महिलाओं को तीस प्रतिशत तथा विधवाओं को पैंत्तीस प्रतिशत उपदान दिया जा रहा है। इस योजना के अंतर्गत अब तक एक हजार पंचानबे इकाइओं को स्थापित किया जा चुका है जिसमें कि दो सौ चार करोड़ रुपये से अधिक का अनुदान दिया जा चुका है।

 


  

मुख्यमंत्री खेत संरक्षण योजना

इस योजना के अंतर्गत बन्दरों व बेसहारा पशुओं की समस्या से निपटने हेतु सौर एवं कांटेदार बाड़ लगाने के लिए व्यक्तिगत स्तर पर अस्सी प्रतिशत तथा समूह आधारित बाढ़बंदी के लिए 85 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है। योजना के अन्तर्गत अब तक तीन हजार आठ सौ तिहत्तर से अधिक लाभार्थियों को एक सौ पांच करोड़ की राशि प्रदान की गई है।


प्राकृतिक खेती-खुशहाल किसान योजना 

वर्तमान प्रदेश सरकार ने इस योजना को वर्ष 2018 में शुरू किया था तथा इससे प्रदेश के किसानों-बागवानों के व्यापक और दीर्घकालिक कल्याण एवं समृद्धि के लिए खेती की लागत को कम करने और आय को बढ़ाने के साथ मानव एवं पर्यावरण पर रसायनिक खेती के पड़ने वाले दुष्प्रभावों से बचाने का मार्ग प्रशस्त किया है। दो वर्ष पूर्व शुरू की गई सुभाष पालेकर प्राकृतिक खेती योजना के तहत अब तक निन्यानबे हजार तीन सौ उनचास से अधिक किसान लाभान्वित हो चुके हैं। इस पर इकतीस करोड़ रुपये की राशि व्यय की गई है।


जल से कृषि को बल

इस योजना के अन्तर्गत प्रदेश में उपयुक्त स्थलों पर चैकडम एवं तालाबों का निर्माण किया जा रहा है। इनमें एकत्रित जल को किसान व्यक्तिगत लघु उठाऊ सिंचाई योजनाएं एवं बहाव सिंचाई योजनाएं बनाकर सिंचाई के लिए पानी का उपयोग कर रहे हैं। योजना के तहत सामुदायिक स्तर पर शत प्रतिशत व्यय सरकार द्वारा वहन किया जा रहा है। योजना के अंतर्गत नौ सौ चौवालीस से अधिक किसानों को लाभान्वित किया जा चुका है, जिसके लिए सरकार ने तिरेपन करोड़ सोलह लाख रुपये से अधिक का धन व्यय किया है।


मुख्यमंत्री आवास योजना

वर्तमान हिमाचल सरकार इस योजना के अंतर्गत निर्धन परिवारों को भवन निर्माण हेतु सहायता राशि प्रदान कर रही है। अब तक इस योजना के तहत राज्य में चार हजार चार सौ सत्रह से अधिक मकानों का निर्माण किया जा चुका। इसके लिए साठ करोड़ से अधिक राशि व्यय की गई है।मुख्यमंत्री आवास योजना (प्राकृतिक आपदा): वर्तमान हिमाचल सरकार इस योजना के अंतर्गत निर्धन एवं प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित परिवारों को मकान बनाने हेतु सहायता राशि प्रदान कर रही है। राज्य सरकार ने योजना के तहत चार सौ सड़सठ परिवारों को आवास प्रदान किए हैं। इसके लिए सरकार ने नौ करोड़ चौंतीस लाख से अधिक राशि व्यय की है।


प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण)  

वर्तमान राज्य सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में तीन हजार तीन सौ बानबे पात्र परिवारों को आवास सुविधा प्रदान की है। इसके लिए सरकार ने छियालीस करोड़ पैंतीस लाख से अधिक राशि व्यय की है। प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) : वर्तमान राज्य सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में अब तक योजना के पात्र परिवारों को पांच हजार एक सौ उनहत्तर आवास सुविधा प्रदान की है।


पंचवटी योजना

इस योजना का मुख्य उद्देश्य प्रदेश के वरिष्ठ नागरिकों को मनोरंजन के साथ पार्क और बागीचों की सुविधा उपलब्ध करवाना है। इसके अतरिक्त पार्कों में युवाओं के लिए जिम की व्यवस्था भी की जा रही है। इन पार्कों में आयुर्वेदिक और औषधीय पौधे लगाने के अलावा बुजुर्गों के लिए मनोरजंन के लिए मनोरंजक उपकरण, पैदल पथ और अन्य बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा रही है। इस योजना में अब तक दो सौ अट्ठासी स्थानों का चयन कर दिया गया है एवं एक सौ अठारह स्थानों में कार्य शुरू हो चुका है।

 

मुख्यमंत्री एक बीघा योजना

इस योजना में मनरेगा को जोड़कर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की परिकल्पना की गई है। योजना के अंतर्गत एक महिला या उसका परिवार जिनके पास एक बीघा (या 0.4 हेक्टेयर) तक की भूमि है, वह सब्जियों और फलों को उगाने के लिए बैकयार्ड किचन गार्डन तैयार कर सकते हैं। अभी तक इस योजना के अंतर्गत ग्यारह हजार दो सौ चार आवेदन स्वीकृत किए जा चुके हैं। योजना के अंतर्गत अब तक चार करोड़ दस लाख से अधिक की धनराशि व्यय की जा चुकी है।

 

महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा)

वर्तमान हिमाचल सरकार महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) (Convergence) के अंतर्गत प्रभावी कार्य कर रही है। वित्तीय वर्ष 2018-19 में मनरेगा के अंतर्गत दो लाख पचासी हजार दो सौ कार्य दिवस सृजित किए गए। वर्ष 2019-20 में दो लाख उनसठ हजार एक सौ नब्बे तथा वर्ष 2020-21 में दो लाख इक्यासी हजार एक सौ कार्य दिवस अर्जित किए जा चुके हैं। कुल अर्जित कार्य दिवसों में महिलाओं की भागीदारी तिरेसठ प्रतिशत से अधिक रही है। वर्ष 2018-19 के दौरान पांच लाख चैवन हजार परिवारों को रोजगार दिया गया। वर्ष 2019-20 के पांच लाख पैंतीस हजार परिवारों को रोजगार दिया गया। इसी प्रकार वर्ष 2020-21 के दौरान पांच लाख उनासी हजार परिवारों को रोजगार दिया गया है। मनरेगा के तहत वर्ष 2020-21 में आठ सौ तीन करोड़ पचानबे लाख रुपये व्यय किये जा चुके हैं।


दीन दयाल अंत्योदय राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन

वर्तमान हिमाचल सरकार ने इस मिशन को महिलाओं को सशक्त बनाने एवं स्वरोजगार के नए अवसर पैदा करने हेतु प्रभावीत तरीके से चलाया है। अब तक इस मिशन के अंतर्गत बाहर हजार तीन सौ उनतीस स्वयं सहायता समूह का गठन किया जा चुका है। पंद्रह हजार से अधिक स्वयं सहायता समूहों को आजीविका संबंधी गतिविधियां शुरू करने हेतु प्रशिक्षण दिया जा चुका है। इसके अतिरिक्त सत्रह हजार एक सौ तिरेसठ स्वयं सहायता समूहों में अठारह करोड़ सत्तर लाख रुपये की राशि स्वरोजगार शुरू करने के लिए वितरित की जा चुकी है। 


मुख्यमंत्री शहरी अजीविका गारंटी मिशन

वर्तमान हिमाचल सरकार ने शहरी क्षेत्रों में आजीविका सुरक्षा बढ़ाने के लिए मुख्यमंत्री शहरी अजीविका गारंटी मिशन शुरू किया है, जिसके अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2020-21 में हर घर में एक सौ बीस दिनों का गारंटीड मजदूरी रोजगार प्रदान किया जा रहा है। इस योजना को हिमाचल प्रदेश के सभी शहरी स्थानीय निकायों और छावनी बोर्ड में लागू किया गया है। इस योजना के तहत दो हजार पांच सौ पच्चास से अधिक व्यक्तियों को रोजगार उपलब्ध करवाया गया है वहीं चार हजार छः सौ तिरानबे से अधिक व्यक्तियों ने रोजगार प्राप्त करने के लिए अपना पंजीकरण करवाया है। अब तक इस योजना के अंतर्गत अठाइस करोड़ पचासी लाख रुपये से अधिक की राशि व्यय की गई है।


राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन  

वर्तमान राज्य सरकार की इस योजना के अंतर्गत एक हजार एक सौ बानबे नागरिकों को स्वरोजगार,  तीन हजार चार सौ बीस नागरिकों को प्रशिक्षण, पंद्रह सौ सतहत्तर स्वयं सहायता समूहों का गठन और पीएम स्वानिधि के अंतर्गत एक हजार तिरेसठ नागरिकों को लाभान्वित किया है।

 

मुख्यमंत्री ग्राम कौशल विकास योजना

वर्तमान हिमाचल सरकार ने इस योजना का शुभारंभ 6 जनवरी, 2020 को किया था। योजना के अंतर्गत 18-50 वर्ष आयु वर्ग के कोई भी महिला एवं पुरुष प्रशिक्षण ग्रहण कर सकते हैं। अब तक इस योजना से चार सौ तीस परिवार लाभान्वित हो चुके हैं। योजना के अंतर्गत वर्ष 2020-21 के दौरान लगभग एक करोड़ रुपये की राशि व्यय की जा चुकी है। वर्ष 2021-22 में चार हजार प्रशिक्षुओं को प्रशिक्षण प्रदान करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। 


महिला सशक्तिकरण के लिए उठाए महत्वपूर्ण कदम

वर्तमान हिमाचल सरकार ने महिला सशक्तिकरण की दिशा में ऐतिहासिक कदम उठाए हैं। सरकार ने महिलाओं को रोजगार उपलब्ध करवाने हेतु खंड स्तर पर हिम ईरा साप्ताहिक बाजार की शुरूआत की है। राज्य के प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में स्वयं सहायता समूह द्वारा हिम ईरा दुकान संचालित की जा रही है। प्रदेश के मुख्य डाकघरों में महिला शक्ति केंद्र के रूप में विक्रय केंद्र स्थापित किए गए हैं। डिजिटल भारत अभियान के तहत ग्रामीण स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को निशुल्क कम्प्यूटर शिक्षा प्रदान की जा रही है। माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के वोकल फॉर लोकल के लक्ष्य को साकार करते हुए ग्रामीण महिलाओं को राखी बनाने संबंधी प्रशिक्षण दिया जा रहा है। स्वदेशी राखी बिक्री से महिलाओं को लगभग बाइस लाख रुपये की आमदनी भी हुई है। इसके अतिरिक्त प्रदेश में छह कस्टम हायरिंग केंद्रों की शुरूआत की गई है, जहां से ग्रामीण किराये पर कृषि उपकरणों का प्रयोग कर सकेंगे। वर्ष 2020-21 में छब्बीस नए कस्टम हायरिंग केंद्र खोलने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। 


स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण)

वर्तमान प्रदेश सरकार ने स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के तहत राज्य ने गत तीन वर्षों में विभिन्न कार्य किए हैं जिसके लिए एक सौ चालीस करोड़ बानबे लाख रुपये व्यय किए गए हैं। इस मिशन के तहत प्रदेश में नौ सौ पैंतीस सार्वजनिक शौचालयों का निर्माण किया गया। इसके अतिरिक्त सरकार ने स्वच्छता के क्षेत्र में विशेष पहल करते हुए चौवालीस कूड़ा सयंत्रों को मंजूरी प्रदान की, जिसमें से छह सयंत्र सुचारू रूप से कार्य कर रहे हैं तथा अन्य सयंत्रों को स्थापित करने की प्रक्रिया चल रही है। वहीं नौ सौ पांच ग्राम पंचायतों को कचरा मुक्त करने हेतु विभिन्न कार्य प्रारंभ किए गए हैं। माननीय मुख्यमंत्री श्री जयराम ठाकुर जी द्वारा विकास खंड नालागढ़ में स्वच्छता कैफे का शुभारंभ किया गया है तथा इसी तर्ज पर तीन अन्य स्वच्छता कैफे स्वीकृत किए गए हैं।

 


मुख्यमंत्री सेवा संकल्प योजना

प्रदेशवासियों की शिकायतों का त्वरित समाधान करने के लिए वर्तमान राज्य सरकार ने ‘‘मुख्यमंत्री सेवा संकल्प हेल्पलाइन-1100’’ को शुरू किया है। इस योजना के अन्तर्गत अब तक कुल एक लाख इक्यावन हजार तिरासी शिकायतें दर्ज हुई हैं, जिनमें से एक लाख बीस हजार अठहत्तर से अधिक शिकायतों का समाधान किया जा चुका है।

 


जनमंच 

जनमंच कार्यक्रम तीन जून, 2018 से शुरू किया गया है। इस योजना के अंतर्गत प्रदेश के सभी जिलों में प्रत्येक माह में एक दिन कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है जिसमें प्रदेश कैबिनेट मंत्री, उपायुक्त सहित सभी विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहते हैं। कार्यक्रम में स्थानीय नागरिक अपनी शिकायतें एवं समस्याएं बताते हैं, जिनका निपटारा मौके पर ही किया जाता है। तीन वर्ष में 68 विधानसभा क्षेत्रों में आयोजित किए गए जनमंच कार्यक्रम विभिन्न विभागों से सम्बन्धित कुल अड़तालीस हजार चार सौ छियालीस मामले मांगपत्रों व शिकायतों के आए, जिनमें से पैंतालीस हजार पांच सौ सोलह मामले निपटाए गए हैं। 

जनमंच के  अंतर्गत अभी तक प्रदेश में विभिन्न योजनाओं का लाभ जिन पात्र व्यक्तियों को दिया गया है, उसका ब्यौरा इस प्रकार हैः-

  • - बेटी है अनमोल योजना में आठ हजार सात सौ पचास से अधिक पात्र बेटियों और उनके अभिभावकों को लाभान्वित किया गया।
  • - प्रदेश में सात लाख उन्नीस हजार से अधिक Digital Ration Card बनाये गये।
  • - अठहत्तर हजार से अधिक महिलाओं को गृहणी सुविधा योजना का लाभ दिया गया।
  • - दो लाख बारह हजार से अधिक किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड दिये गये।
  • - दो लाख दो हजार से अधिक लाभार्थियों को जन धन योजना के तहत लाभ दिया गया।
  • - लगभग पचपन हजार गर्भवती महिलाओं का पंजीकरण एंव टीकाकरण किया गया।
  • - दो लाख पैंतालीस हजार से अधिक लाभार्थियों को पैंशन वितरित की गई।
  • - सात सौ से अधिक सार्वजनिक शौचालय पूर्ण किये गये। 


मुख्यमंत्री स्टार्टअप योजना

इस योजना का मुख्य उददे्श्य युवाओं को रोजगार तलाशने की जगह रोजगार उपलब्ध कराने को प्रेरित करना है। साथ ही नये विचारों को उनके शुरूआती  अवस्था से लेकर उद्यम स्थापित करने तक सभी कठिनाईओं को पार करने के लिए सरकार द्वारा लगभग 100 से अधिक लाभार्थियों को 1.69 करोड़ रूपये से अधिक का लाभ दिया जा चुका है।


सौर सिंचाई योजना

वर्तमान राज्य सरकार इस योजना के अन्तर्गत सिंचाई संबंधी उपकरण के लिए उपदान प्रदान कर रही है। इससे मुख्यतः सौर पम्पों से सिंचाई हेतु जल को उठाना, आवश्यक अधोसरंचना की स्थापना तथा व्यक्तिगत एवं सामुदयिक स्तर पर 1 एच.पी. से 10 एच.पी. तक के सोलर पम्प पर 85 प्रतिशत उपदान प्रदान करता है। अब तक इस योजना के अंतर्गत बाहर सौ से अधिक किसान लाभान्वित हो चुके हैं, इसके लिए सरकार द्वारा लगभग उनतालीस करोड़ रुपये का धन व्यय किया गया है।


पर्वत धारा

वर्तमान हिमाचल सरकार द्वारा विलुप्त हो रहे जल स्त्रोतों के जीर्णोद्धार तथा ढलानदार खेतों में प्रवाह सिंचाई परियोजना के माध्यम से सिंचाई उपलब्ध करवाने हेतु ‘‘पर्वत धारा’’ योजना शुरू की गई है। इसके अंतर्गत सेटेलाइट इमेज के आधार पर जल संग्रहण जलाशयों का निर्माण किया जा रहा है। इससे गर्मी के मौसम में सिंचाई का प्रावधान हो पाएगा और भू-जल स्त्रोतों का जीर्णोद्धार किया जा रहा है। इस योजना पर 2020-21 में दस स्थानों का चयन कर कार्य आरंभ किया जा चुका है जिस पर बीस करोड़ रुपए खर्च किये जाएंगे। 


नई राहें नई मंजिलें

हिमाचल प्रदेश में पर्यटन की दृष्टि से अनच्छुए क्षेत्रों को विकसित करने के लिए वर्तमान प्रदेश सरकार ने ‘नई राहें नई मंजिलें’ योजना शुरू की है। इस योजना के तहत प्रदेश के मनमोहक क्षेत्र जोकि पर्यटन की दृष्टि से अनच्छुए हैं, उन्हें से संवारा जा रहा है। नई राहें नई मंजिलें योजना के प्रथम चरण में सात स्थानों पर सौ करोड़ रुपये व्यय होंगे।


मल निकासी योजना  

हिमाचल प्रदेश में शहरी क्षेत्रों के विकास, पर्यटन उद्योग का विस्तार एवं उद्योगों के विस्तार के कारण काफी शहरों में आबादी बढ़ गई है तथा स्वच्छता को बनाए रखने के लिए मल निकासी योजना को चलाने की आवश्यकता थी। इसलिए प्रदेश सरकार ने एक विशेष योजना तैयार कर कुछ प्रमुख शहरों जैसे की परवाणु, कालाअम्ब, त्रिलोकपुर, मनाली एवं मंडी में मल निकासी योजनाओं के अपग्रेडेशन एवं स्थापना हेतु तीन करोड़ रुपये प्रदान किए हैं। इन सभी योजनाओं पर कार्य आरंभ किया जा चुका है।  इसी कड़ी में सात ग्रामीण क्षेत्रों में बड़ी आबादी वाली बस्तियों में मल निकासी योजना चलाने हेतु पैंतीस करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं। 


गौ सदन 

हिमाचल सरकार ने बेसहारा गौवंश की समस्या के निवारण हेतु फरवरी, 2019 में गौसेवा आयोग का गठन किया है। वर्तमान में प्रदेश में एक सौ बयासी गौसदनों में तेरह हजार तीन सौ सैंतीस से अधिक गौवंश को आश्रय प्रदान किया है तथा प्रदेश की सड़कों में बेसहारा छत्तीस हजार तीन सौ ग्यारह से अधिक गौवंश को आश्रय दिलवाने के लिए आयोग कृतबद्ध है। इस आयोग की स्थापना के बाद भूमि का चयन/हस्तांनांत्रण की प्रक्रिया में तेजी लाते हुए प्रदेश में आठ गौ अभ्यारणों व दो बड़े गौ सदन का निर्माण और विभिन्न जिलों में स्थित उन्नीस छोटे गौसनों के सुदृढ़ीकरण और विस्तार करने का निर्माण कार्य प्रगति पर है। वित्तीय संसाधन न होने के कारण गौसदनों के सफलतापूर्वक संचालन में कठिनाइयों के मद्देनजर 3.8.2020 को गौसदन/गौशाला/गौ अभ्यारणों के सफल संचालन हेतु मु. पांच सौ रुपये प्रति गौवंश प्रतिमाह प्रोत्साहन राशि योजना को आरंभ कर दिया गया है और एक वर्ष के अंदर-अंदर सभी छत्तीस हजार तीन सौ ग्यारह गौवंश को आश्रय प्रदान कर दिया जाएगा।

 

जीवन मिशन के अंतर्गत हिमाचल कर रहा उत्कृष्ट कार्य

वर्तमान हिमाचल सरकार ने जल जीवन मिशन के अंतर्गत वर्ष 2019-20 में एक लाख इकसठ हजार एक सौ तेईस घरों में पेयजल कनेक्शन स्थापित किए। चालू वित्तीय वर्ष में 20 दिसम्बर, 2020 तक दो लाख पंद्रह हजार पांच सौ नौ घरों में पेयजल कनेक्शन लगाए जा चुके हैं। वर्ष 2022 तक राज्य के हर घर में पेयजल कनेक्शन देने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। हिमाचल प्रदेश में जल जीवन मिशन के अंतर्गत देशभर में उत्कृष्ट कार्य किए हैं। हिमाचल देश का पहला राज्य है जिसे इस मिशन के तहत केंद्र सरकार द्वारा घोषित पूर्ण राशि प्राप्त हुई है।

 

विद्यार्थी वन मित्र योजना

वर्तमान राज्य सरकार हिमाचल की हरियाली को बढ़ाने की दृष्टि से प्रभावी कार्य कर रही है। इसी ध्येय के साथ प्रदेश सरकार ने 20 अगस्त, 2018 को विद्यार्थी वन मित्र योजना की शुरूआत की थी। इस योजना के तहत विद्यार्थियों द्वारा पौधे  लगाने व उनकी देखरेख के लिए विभिन्न स्कूलों को एक निर्धारित वन क्षेत्र आवंटित किया जा रहा है। वर्ष 2018-19 में इस योजना के अंतर्गत 228 तथा लगभग एक सौ पैंसठ भूमि का चयन किया गया व एक लाख छियासठ हजार आठ सौ तीस पौधे रोपित किए गए हैं।

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना 

वर्तमान प्रदेश सरकार ने गत तीन वर्षों में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत कुल 624 सड़कों व पुलों जिनकी लंबाई चार हजार दो सौ अठासी किलोमीटर तथा अनुमानित लागत राशि दो हजार आठ सौ एक करोड़ से अधिक की राशि केंद्र सरकार से  प्राप्त की है। राज्य सरकार ने सड़कों के पौ सौ छप्पन कार्य जिनकी कुल लंबाई चार हजार एक सौ ग्यारह किलोमीटर थी, को पूर्ण कर लिया है। इस पर कुल दो हजार चौवालीस करोड़ की राशि व्यय की गई। इसके अतिरिक्त दो सौ तेरह संपर्क मार्गों को वाहन योग्य मार्ग द्वारा जोड़ा गया है।

कोरोना की कठिन स्थिति के दृष्टिगत राज्य सरकार ने सड़कों के निर्माण में इस वर्ष अभी तक पंद्रह सौ अड़सठ किलोमीटर सड़क निर्माण कार्य करते हुए देश में दूसरा स्थान पा्रप्त किया है तथा लक्ष्य की प्रतिशतता प्राप्ति में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। मंडी जिला ने देश में वर्ष 2020 के दौरान 336 किलोमीटर सड़क निर्माण करते हुए प्रथम स्थान प्राप्त किया है। इसके अतिरिक्त हिमाचल प्रदेश के सात अन्य जिले भी देश के शीर्ष बीस जिलों में शामिल है।

इसके अतिरिक्त हिमाचल प्रदेश को नाबार्ड के अंतर्गत जनवरी 2018 से दिसम्बर 2020 तक तीन वर्षों में बारह सौ छियासठ करोड़ से अधिक मूल्य की दो सौ इक्यानबे परियोजनाएं स्वीकृत हुई है।


केंद्रीय सड़क अवसंरचना निधि (CRIF & ISC)

हिमाचल प्रदेश को जनवरी 2018 से दिसम्बर 2020 तक तीन वर्षों में केंद्रीय सड़क अवसंरचना निधि के अंतर्गत सात सौ सैंतालीस करोड़ आठ लाख रुपये की अठाइस परियोजनाएं तथा आईएससी के अंतर्गत इक्कीस करोड़ तेरह लाख रुपये की एक परियोजना स्वीकृत की गई है। कुल स्वीकृत राशि सात सौ अड़सठ करोड़ इक्कीस लाख रुपये है।


अटल टन्नल, रोहतांग

माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में हिमाचल प्रदेश स्थित अटल टन्नल, रोहतांग को युद्धस्तर पर सीमा सड़क संगठन द्वारा पूर्ण करके माननीय रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह जी व माननीय मुख्यमंत्री श्री जयराम ठाकुर जी की उपस्थिति में देश को 3 अक्टूबर, 2020 को लोकार्पण कर समर्पित किया। इस टन्नल की कुल लंबाई 9.02 किलोमीटर है। इसमें कुल लागत बत्तीस सौ करोड़ रुपये आई है। अटल टन्नल के निर्माण से प्रदेश के जनजातीय क्षेत्र लाहौल को वर्षभर सड़क सुविधा प्राप्त हुई है तथा मनाली और केलंग के बीच सड़क की दूरी भी छियालीस किलोमीटर कम हुई है।


विश्व बैंक पोषित हिमाचल प्रदेश सड़क राज्य सुधार परियोजना

वर्तमान हिमाचल सरकार द्वारा हिमाचल प्रदेश राज्य सड़क सुधार परियोजना के अंतर्गत विश्व बैंक से लगभग आठ सौ करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता ली गई है। इसमें से पांच सौ छियासी करोड़ रुपये (73 प्रतिशत) की धनराशि विश्व बैंक से प्राप्त होगी तथा दो सौ चौदह करोड़ रुपये (27 प्रतिशत) हिमाचल सरकार वहन करेगी। इस परियोजना के अंतर्गत तीन चरणों में कुल छह सौ पच्चास किलोमीटर सड़कों को सुदृढ़ किया जाएगा तथा तेरह सौ पच्चास किलोमीटर सड़कों का रखरखाव किया जाएगा। 


ग्लोबल इन्वेस्टर मीट-2019

वर्तमान हिमाचल सरकार ने प्रदेश में निवेश लाने के उद्देश्य से प्रभावी कार्य किए हैं। इसी कड़ी में राज्य सरकार ने वर्ष 2019 में ग्लोबल इन्वेस्टर मीट का आयोजन किया था। राज्य सरकार ने छियानबे हजार बारह करोड़ रुपये के निवेश के साथ सात सौ तीन समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए हैं। माननीय गृह मंत्री श्री अमित शाह जी की उपस्थिति में प्रदेश में तेरह हजार चार सौ अठासी करोड़ रुपये की परियोजनाओं का पहला ग्राउंड ब्रेकिंग समारोह आयोजित किया गया। कोविड-19 की कठिन स्थिति के बावजूद प्रदेश सरकार ने निवेशकों को आकर्षित करने हेतु कई कदम उठाए। ग्यारह सौ तिरानबे करोड़ रुपये की साठ परियोजनाएं शुरू की जा चुकी हैं। इसके अतिरिक्त और छह हजार छह सौ बानबे करोड़ की एक सौ सोलह परियोजनाओं में सिविल कार्य शुरू किए गए हैं। राज्य सरकार द्वारा  धारा 118 की अनुमति से संबंधित मामलों को प्राथमिकता दी जा रही है और उद्यमियों को समय-समय पर मंजूरी देकर सुविधा प्रदान की जा रही है। राज्य सरकार ने सिंगल विंडो मैकेनिज्म भी विकसित किया है जो राज्य में निवेश करने के लिए उद्यमियों को अनुकूल माहौल प्रदान करने के लिए सरकार की मजबूत प्रतिबद्धता को दर्शाता है। ग्लोबल इन्वेस्टर्स के लिए संशोधित नीतियों में आईटी नीति, आयुष नीति, एमएसएमई अध्यादेश 2019, हिमाचल पर्यटन नीति, औद्योगिक निवेश नीति 2019 आदि शामिल हैं।


हिम सुरक्षा अभियान

देवभूमि हिमाचल में ‘‘हिम सुरक्षा अभियान’’ के तहत विभिन्न विभागों, जिला प्रशासन और गैर सरकारी संगठनों वाले कुल सात हजार दो सौ अट्ठानबे सक्रिय दलों द्वारा लोगों के स्वास्थ्य मापदंडों के बारे में घर-घर जाकर आंकड़े एकत्रित किए जा रहे हैं। यदि किसी व्यक्ति में कोई लक्षण पाया जाता है, तो आगे की जांच के लिए सैंपल एकत्र किए जा रहे हैं ताकि उन्हें बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जा सकें। मुख्यमंत्री श्री जयराम ठाकुर जी द्वारा 24 नवम्बर, 2020 को आरम्भ किया गया ‘‘हिम सुरक्षा अभियान’’ स्वास्थ्य, आयुर्वेद, महिला एवं बाल विकास, पंचायती राज विभाग, जिला प्रशासन और स्वयंसेवी संस्थाओं के सहयोग से 27 दिसम्बर, 2020 तक चलेगा। अभियान के तहत विभिन्न बीमारियों के लिए अब तक बाइस लाख से अधिक लोगों की स्वास्थ्य जांच की जा चुकी है।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

Post a Comment

If you have got any query, ask here.